अंजू....अंजू मैंने पीछे मूड के देखा तो थोड़ा अचम्भा सा हुआ की अरे यह तो
सुमित है जो मेरे साथ स्कूल में पढता थ। स्कूल में कभी बात नहीं हुए थी हमारी
क्यूंकि हम दोनों ही एक दूसरे से अलग थे।
सुमित जहा सिर्फ पढ़ाई से मतलब रखने वाला और कम बोलने वाला, वही
मैं पढ़ाई से ज्यादा लगाव नहीं बस दिन भर बातें ही करने वाली।
हाँ कभी एग्जाम या प्रैक्टिकल में हो सकता हो बात हुए हो सवाल का जवाब
जानने के लिए पर वो भी याद नही। तो आज २ साल बाद ऐसे मिलना वो भी आवाज देकर
बुलाना थोड़ा अलग सा लगा।
इतने साल बाद मिलने के बाद बस इतनी सी बात हुई की कैसी हो?
कहा पढ़ रही हो आजकल?
क्या कर रही हो ?
पूछना तो सुमित शायद कुछ और भी चाहता था पर मोबाइल नंबर लेकर ही चला गया।
इतने साल बाद मिलने की मुझे भी एक ख़ुशी सी मिली अब कब होगी बात मैं यह सोचने लग
गयी।
जाने क्यों बार बार मोबाइल चेक कर रही थी।
शाम से रात हो गयी पर मेरी नज़र मोबाइल पर ही अटकी थी, फिर लगा शायद मैं कुछ
ज्यादा ही सोच रही हूँ फिर मोबाइल रख मैं खाना खाने चली गयी, वापस आयी तो देखा
मोबाइल पर मैसेज आया हुआ था ....नाम पड़ा सुमित तो दिल जाने क्यों खुश हो गया था,
मैसेज ओपन किया तो वो हैप्पी न्यू ईयर का मैसेज था पर न जाने क्यों उस मैसेज में
मुझे कुछ और ही दिख रहा था
पूछना तो सुमित भी कुछ चाहता था और मैं भी, पर शायद आँखों ने वो बात कर ली थी।
सुना था कही की जब प्यार होता है तो सब अलग सा लगता है, वैसे ही जाने क्यों
सुमित के मिलने के बाद मैं जैसे बादलो में उड़ने लगी थी।
सब कुछ अच्छा सा लग रहा था शायद यह प्रेम ही था...मेरा पहला प्रेम...पर एक डर
भी था कही यह एक तरफ़ा तो नहीं।
You have expressed your feelings so cutely.
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