यह बात तब की है जब मैं यानि की इस कहानी की अहम पात्र अंजू अपनी ऍम बी अय की पढ़ाई कर रही थी। तब मैं मुंबई में थी और सुमित हैदराबाद में जॉब कर रहे थे।
कॉलेज हमारा अच्छे से चल रहा था और हॉस्टल में हमारी धूम थी , थोड़ी पढ़ाई कुछ मस्ती से अच्छे से वक़्त निकल रहा था।
हॉस्टल हमारा तीन फ्लोर का था और हम सबसे नीचे फ्लोर पर रहते थे , हॉस्टल में लास्ट एंट्री १० बजे तक ही होती थी हमारे हॉस्टल में सिर्फ रहने की सुविधा थी ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की सुविधा कॉलेज में ही थी।
ब्रेकफास्ट और लंच तो आराम से हो जाता था क्यूंकि हम सुबह से शाम तक कॉलेज में ही रहते थे और संडे को हम सब स्किप कर देते थे आलस के चक्कर में , यहाँ तक की हम ज्यादातर रात का खाना भी कॉलेज में नहीं कहते थे हलाकि कॉलेज से बस लेने और छोड़ने आती थी पर हम दोस्त लोग ही आलस करते थे और बहार से माँगा लेते थे।
ऐसे ही अच्छे से टाइम बीत रहा था एग्जाम आने वाले थे सब अपनी अपनी तयारी में लगे , मैं भी अपने लेक्टर्स पढ़ रही थी मेरे रूम में मेरे साथ मेरी एक और सहेली थी और सामने दूसरे रूम में भी दो लड़किया थी वो भी मेरी ही क्लास की थी।
थोड़ी देर बाद एक लड़की को उसके रूम की खिड़की से कुछ आवाज आयी उसने देखा बहार की तरफ तो उसको कुछ दिखाई नहीं दिया, रात हो रही थी इसलिए अँधेरा था और उस खिड़की से सामने सीमेंट की छोटी सी बाउंड्री थी और उस तरफ एक कम्युनिटी जिसमे एक बड़ी सी दस माले की बिल्डिंग जहा सब हाई सोसाइटी लोग ही रहते थे।
हमने देखा तो कोई नहीं था फिर हम अपने अपने काम में लग गए , ऐसे कुछ दिन फिर से दूसरे रूम की खिड़की से आवाज आयी हमने देखा फिर लगा वेहम हो गया होगा इतनी होर्रर या थ्रिलर मूवीज देखते है सब दिमाग की सोच है और उस बात को भूल अपने काम पर लग गए।
कुछ दिन बाद हम हम लोग अपने अपने रूम पर पढ़ाई कर रहे थे रात के ११ बजे के आस पास बज रहे होंगे अचानक से बहुत तेज़ चिकने की आवाज आयी - अंजू अंजू , हम एकदम से भागे की क्या हुआ।
मेरे दोनों दोस्त बहुत ज्यादा घबराये हुए थे , पहले कुछ देर तो कुछ बोले नहीं फिर बताया की उनकी खिड़की में कोई था जो उनको देख रहा था और हलकी सी लाइट भी थी जैसे वो हमारी फोटो ले रहा हो।
हम उनके कमरे में गए खिड़की की तरफ देखा तो एकदम अँधेरे था हमे भी थोड़ा अजीब लगा और अब हमे भी डर लग रहा था।
सबसे पहले मैंने अपने सामने के फ्लैट के दोस्तों को फ़ोन किया और उनको बोला की ऐसा हुआ है बस तुम लोग भी कमरे से बहार निकलो, हम भी निकल रहे है सबका साथ होगा तो सही रहेगा फिर हमने अपने कमरे का दरवाजा खोला और जोर जोर से गार्ड अंकल को बुलाने लगे , अंकल आये उन्होंने पूछा हमने उन्हें सब बता दिया।
अंकल ने सब चेक किया पर उनको कुछ नहीं दिखा , हम लोग करीब आठ लड़किया थी - चार हम एक फ्लैट की और दूसरे फ्लैट की चार लड़किया।
हम सब कुछ देर अंदर कमरे में गए ही नहीं फिर सोचा की सब लोग एक ही साथ रूम पर रहते है आज की रात बस साथ में निकल लेते है कल कॉलेज में प्रोफेसर को बताएँगे और रूम चेंज करेंगे।
सुबह हुए हम डरे हुए रेडी होकर कॉलेज गए और यह बात कॉलेज में बताई। प्रोफेसर लोगो ने एक्शन लिया सब चेक किया पर कुछ नहीं पता चला।
इस बात को १ महीना हो चूका था और हमने कमरा चेंज कर लिया था अब हम ऊपर के फ्लोर में थे।
कुछ दिनों बाद हम अपने सीनियर्स को यह बात बता रहे थे की ऐसा हुआ हमारे साथ तो एक सीनियर बोली उनके दोस्तों के साथ भी हुआ था बहुत बार पर कुछ समझ नहीं आया उनको भी।
हम फिर सोचने लगे की क्या सच में कुछ होगा की यह वेहम होगा पर उसके बाद उस खिड़की की तरफ देखने की हिम्मत नहीं हुई
और न हम जान पाए की कौन था वो |
Omg this looks so scary yet interesting to read.
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