सीमा की कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो गयी थी ,उसको अब अपने सपने पुरे करने थे पर हर परिवार की तरह उसकी परिवार वाले भी उसकी शादी की बात चला रहे थे।
यहाँ सीमा ने अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए त्यारी शरू कर दी वही दूसरी तरफ सीमा के घर वालो ने सीमा के लिए एक अच्छा रिश्ता ढूंढ लिया।
सीमा के घर वालो ने सीमा को यह बात बताई , जिसे सुन सीमा बहुत दुखी हो गयी।
अपने माँ बाबा से भी वो कुछ नहीं बोलना चाहती थी क्यूंकि वो जानती थी की उसको उसके माँ बाबा ने किस तरह पला है। मध्यवर्गी परिवार जनता है की किस तरह पैसे बचा बचा कर घर चलाया करते है , सीमा को भी अपने घर की इस्तिथि पता थी फिर भी उसके माँ बाबा ने कभी सीमा को पढ़ने से नहीं रोका।
सीमा ने अपना मान मार के शादी के लिए हाँ कर दी।
फिर क्या लड़के वाले सीमा को देखने आए और रिश्ता पक्का हो गया। सीमा ने दिल को मन लिया था की अब यही उसके लिए ठीक है पर वो दिल से खुश नहीं थी। देखते देखते शादी का दिन भी आ गया और सीमा की शादी भी हो गयी।
रस्मो रिवाज होने के कुछ दिन बाद ही सीमा को पुरे परिवार को जानने का समय मिला , सीमा के ससुराल के लोग बहुत ही सरल और समझदार लोग थे और सीमा का पति भी बहुत ही केयरिंग स्वाभाव वाला था। सीमा के पति ने सीमा को पुरे सम्मान के साथ रखा था।
ऐसे ही एक महीना बीत गया पर जाने क्यों सीमा के पति को लग गया की कुछ तो है सीमा के मन में ,जिसमे वो बहार से खुश तो दिखती है पर अंदर से कुछ कमी है।
आज संडे का दिन था सीमा अपने सारे काम निपटा रही थी , वही सीमा के पति ने सारी बात अपने परिवार वालो को बताई।
सीमा के ससुराल वाले समझ गए की सीमा ऐसे कुछ नहीं बताएगी तो उन्होंने सोचा क्यों न सीमा के साथ भी वही गेम खेले जो हम अपने परिवार के साथ खेलते है, खेल खेल में बात भी पता चल जाएगी।
शाम का सब प्लान त्यार हो गया था खाना वगेरा भी आज सब बहार से आया था।
पहले कार्ड्स खेले गए फिर आयी बारी उस गेम की जिसका सबको इंतजार था वो गेम था " ट्रुथ एंड डयर" जिसमे बोतल को घुमाते है बोतल का मुँह जिसकी तरफ उसको सच या हिम्मत में से कुछ एक सेलेक्ट करना होता है और फिर वो बताना होता है।
गेम स्टार्ट हुआ सबकी बारी आ रही थी, पर सबको सीमा की बारी का इंतज़ार था देखते देखते सीमा की बारी आगयी और सबने बोतल सीमा की तरफ रुकते ही एक साथ पूछ लिया - सीमा तुम्हे किसी बात का दुख है जो भी हो बता दो सच सच।
सीमा सोच में पढ़ गयी की यह क्या हुआ पर सबका इतना प्यार देख उससे रहा नहीं गया और उसने सबके सामने अपने करियर को आगये लेजाने की बात कह दी।
सब एक दम चुप हो गए, सीमा को लगा की उसने सही नहीं किया और वो फिर बोलने लगी की ऐसी जरुरत नहीं है मुझे आप लोग इसके बारे मैं मत सोचिये।
सीमा की शकल देख सब हॅसने लगे और फिर सीमा का पति उसके पास आकर बोला - सीमा तुम्हारे पंख आज भी तुम्हारे साथ है हम कौन होते है तुम्हारी उडान रोकने वाले। तुम्हे आगये पढ़ना है या अपना करियर बनाना है उसमे हम तुम्हारा पूरा साथ देंगे।
हर इंसान को अपनी जिंदगी जीने का पूरा हक़ है।
यह सुन तो सीमा जैसे अपने मन के जाल से आज़ाद हो गयी हो , फिर से वो अपने सपनो की उडान भरने लगी।
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