मेरी पहली अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा आज भी यादगार है हलाकि वो मुझे याद ही नहीं , पूछो ऐसा कैसे हो सकता है की मुझे अपनी हवाई यात्रा याद ना हो ?
तो सुनिए बात है करीब ८ साल पहले की , शादी के ठीक ६ दिन बाद हमे (मेरे पति सुमित और मुझे ) एक दूसरे देश के लिए निकलना था।
पति देव की अमेरिका में नौकरी लगी थी , अपने देश से इतने दूर जाना ही दिल में थोड़ा हलचल मचा रही थी।
कैसे कर पाऊँगी मैं वहा अपने देश जैसा होगा क्या वो देश भी, हर वक़्त मैं यही सोचती थी।
आखिर वो दिन आ गया सुबह से ही सब घर वाले हमारे विदाई के काम में लगे हुए थे।
हमारे घर से हवाई अड्डा करीब २०० किलोमीटर लगभग ७ से ८ घंटे का रास्ता, तो घर के हर सदस्य हमे हवाई अड्डा छोड़ने आये।
हम समय से हवाई अड्डा पहुंच गए थे फिर हमने सबसे मिलना किया थोड़े भावुक हुए और टा टा करते हुए हवाई अड्डे की ओर चल दिए।
अंदर जाकर बोर्डिंग पास लिए और अपने ज़हाज़ की तरफ चल दिए।
हमारा बिज़नेस क्लास का टिकट बुक हुआ था तो हम उत्साहित भी थे और मेरी तो यह पहेली अंतर्राष्ट्रीय यात्रा थी।
जहाज़ चलने से पहले ही एयर होस्टेस ने सबको वेलकम ड्रिंक के लिए पूछा , मैंने एप्पल जूस और पति देव ने वाइन माँगा ली।
मैं साइड वाली सीट में बैठी थी मैंने सुमित से बोला की मैं बाथरूम होकर आती हूँ , क्यूंकि फ्लाइट के स्टार्टिंग में बाथरूम यूज़ नहीं करने देते सेफ्टी के कारणवश।
मैं उठकर चली गयी , सुमित को लगा की मुझे खिड़की की तरफ बैठना होगा जिससे मैं आसमान और ऊंचाई से नीचे देख सकू।
मैं जब अपनी सीट पर आयी तो सुमित सीट पर नहीं थे मैं समझ गयी की वो भी बाथरूम ही गए होंगे।
मैंने अपना सारा सामान खिड़की की तरफ वाली सीट मैं रख लिया और अपना एप्पल जूस भी अपनी साइड रख दिया।
थोड़ी देर में सुमित आगये और जहाज़ उड़ने को तैयार हो गया , सुमित बोले की मैं थोड़ी देर सो जाता हूँ कल रात से पैकिंग वगेरा में थक गया हूँ और वो सो गए।
मैं जहाज़ के उड़ने का इंतज़ार कर रही थी, और कुछ ही टाइम में जहाज़ ने उड़ान भरी धीरे - धीरे खिड़की से बादल दिखने लगे और मैं अपने एप्पल जूस को एन्जॉय करने लगी।
वैसे मैं एप्पल जूस पीती नहीं थी वो तो शौक शौक में माँगा लिया था , जैसे ही मैंने टेस्ट किया मुझे वो अच्छा नहीं लगा पर सोचा की ऐसा ही होता होगा और एक सांस में उसको पी गयी और बाहर के नज़ारे देखने लगी और मेरी आँख लग गयी।
जब मैं उठी तो सुमित मुझसे बार बार पूछ रहे थे, अंजू ठीक है अब ? कैसा लग रहा है ?
मुझे समझ ही नहीं आया की ऐसा क्यों पूछ रहे मैं तो एकदम सही हूँ।
फिर सुमित बोलने लगे की मैं थोड़ा अजीब सी हरकत कर रही थी कभी हाथ ऊपर तो कभी पाव ऊपर और हसते हुए गाने भी गा रही थी। यहाँ तक की मुझे तो लोग भी दो दो दिख रहे थे।
मैं हैरान थी की ऐसा कैसे हो सकता है मुझे तो कुछ याद नहीं , तुम झूठ बोल रहे हो क्या ? या ऐसे ही मस्ती क़र रहे हो ? मैंने सुमित से पूछा |
सुमित बोले की यह बताओ एप्पल जूस कैसा था मैंने बोला बड़ा गरम गरम सा था अजीब सा एक सांस में ही पी गयी मैं।
सुमित बोले “अरे पगली तूने एप्पल जूस नहीं मेरी मंगाई हुई वाइन पी ली थी “
मैंने बोला ऐसे कैसे मैंने तो खुद एप्पल जूस का गिलास अपने साइड रखा था फिर कैसे , तो सुमित बोले मैंने पहले ही एप्पल जूस तेरी साइड रख दिया था और तूने फिर से उसको बदल दिया , मुझे एप्पल जूस और खुद वाइन पी ली।
मैंने माना ही नहीं बोले यह देख मेरी वाइन जो एप्पल जूस के साथ बदल गयी है इसको पी कर देख।
मैंने सोचा हैं ऐसा हो गया क्या वो टेस्ट किया तो वो सच में एप्पल जूस था , मीठा मीठा।
मुझे बहुत हंसी आयी की यह क्या हो गया था फिर सुमित ने बताया की मैंने क्या क्या किया था।
शर्म सी भी आ रही थी पर बस मैं मुस्कुराती ही रही।
आज भी सुमित मुझे बोलते है मैंने उस दिन ऐसा या वैसा किया था और आज भी मैं नहीं मानती की कुछ ऐसा हुआ था।
सच तो यह है मुझे याद ही नहीं है की हुआ क्या था
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